Wednesday, February 5, 2014

BHARAT RATN

सचिन भारत रत्न, एक पाकिस्तानी सहित अब तक इन्हें मिल चुका यह सम्मान
चक्रवर्ती राज गोपालाचारी:(1954): 1954 में इस सम्मान की नीव रखी गई और पहला भारत रत्न, भारत के अंतिम गवर्नर जनरल और स्वतंत्रता संग्राम सेनामी सव. श्री चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को दिया गया था।
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सी.वी रमन (1954: रमन प्रभाव की खोज करने वाले वैज्ञानिक स्व.श्री सी.वी.रमन साहब दूसरे भारत रत्न हुए। यह सम्मान उन्हें विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया था।
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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1954): भारत के पहले उप राष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति और दार्शनिक स्व. श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन इस सम्मान को पाने तीसरे सेलेब्रिटी थे।  गौरतलब है कि उनकी याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
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भगवान दास (1955): भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे, श्री भगवान दास एक लेखक थे और काशी विद्यापीठ के सस्थापक भी थे।  चौथा भारत रत्न इन्हें मिला था। उन्हें स्वतंत्र और शिक्षक भारत के मुख्य संस्थापकों में गिना जाता है।
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मोक्षगुंडम विश्वरैया (1955): मैसूर के दीवान रहे विश्वरैया एक सिविल इंजीनियर थे। हर साल 16 सितंबर को उनका जन्मदिनइंजीनियर्स डे के रूप में मनाया जाता है। मॉडर्न भारत के निर्माण में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
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पं. जवाहर लाल नेहरू(1955):भारत के पहले प्रधानमत्री, लेखक और स्वतन्त्रता संग्रामी रहे नेहरूजी को छठवां भारत रत्न मिला। गौरतलब है कि इस दौरान प. नेहरू देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन थे।
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गोविन्द बल्लभ पंत (1957): स्वतंत्रता संग्राम में महती भूमिका निभाने वाले स्व.पंतजी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं।  वे भारत सरकार में गृहमंत्री भी रह चुके हैं।  भारतीय संविधान में हिंदी भाषा को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
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डॉ. धोंडो केशव कर्वे (1958): स्व. कर्वे एक शिक्षाविद होने के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे। गौरतलब है कि श्री कर्वे ने महिला शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनकी समाज सुधारक गतिविधियों के लिए वे हमेशा याद किए जाते हैं।
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डॉ. बिधान चन्द्र राय (1961): एक फिजिशियन होने के साथ-साथ स्व. श्री राय पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। हर साल 1 जुलाई को उनका जन्मदिन डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है। गौरतलब है कि वे एक डॉक्टर, स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं।
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पुरुषोत्तम दास टंडन(1961): स्व. टंडनजी न केवल एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, बलिक एक शिक्षाविद भी थे। हिंदी को राष्ट्रभाषा के दर्जे तक पहुंचाने वालों में एक नाम श्री टंडन का भी शामिल है। हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए वे अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस से भी लोहा लेने से पीछे नहीं हटे।
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद (1962): भारत के पहले राष्ट्रपति और स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी रहे स्व. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ग्यारहवें भारत रत्न हैं।वे एकमात्र ऐसे शख्स हैं, जिन्हें दो बार लगातार राष्ट्रपति पद प्राप्त हुआ। भारत रत्न उनके राजनेतिक और सामाजिक योगदान के लिए दिया गया था।
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डॉ. जाकिर हुसैन (1963): भारत के तीसरे राष्ट्रपति और स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी रहे स्व. जाकिर हुसैन जी को बारहवां भारत रत्न मिला।गौरतलब है कि वे भारत के दूसरे उपराष्ट्रपति भी रहे हैं। उनकी विशेष उपलब्धियों और अभूतपूर्व कार्यों के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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पांडुरंग वमन काने (1963): रत्नागिरी, महाराष्ट्र के एक रुढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में जन्मे पांडुरंग वमन काने संस्कृत के विद्वान और एक इंडोलोजिस्ट रहे हैं। स्व. काने को तेरहवें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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लाल बहादुर शास्त्री (1966):  भारत के दूसर प्रधानमंत्री और स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी रहे स्व. शास्त्रीजी को चौदहवां भारत रत्न मिला।गौरतलब है कि इसी साल 11 जनवरी को उनकी रहस्यमयी हालत में मौत हुई थी। हालांकि, उनकी मौत के कारण को हार्ट अटैक से जोड़ा गया था।
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इंदिरा गांधी (1971): भारत की प्रधानमंत्री रहीं श्रीमती इंदिरा गांधी पन्द्रहवें भारत रत्न की हक़दार हुईं।गौरतलब है कि श्रीमती गांधी कि गिनती उन नेताओं में होती थी, जिनके हौसले और काबलियत की तारीफ़ लगभग हर दल करता था।
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वी.वी. गिरी (1975): भारत के चौथे राष्ट्रपति रहे स्व. श्री गिरी जी को सोलहवां भारत रत्न सम्मान मिला था।यह सम्मान उन्हें भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया था।
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के. कामराज (1976): तमिलनाडू के मुख्यमंत्री और स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी रहे स्व. कामराज जी को सत्रहवां भारत रत्न मिला था।  60 के दशक में 'कांग्रेस संगठन' में सुधार के लिए बनाई गई उनकी कामराज योजना के कारण वे काफी लोकप्रिय हुए।
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मदर टेरेसा (1980): वे एक कैथोलिक संत थीं और भारत के दीन-दुखियों की सेवा में अपना जीवन बिताया।भारत में उनके द्वारा किए समाज सेवा के काम के लिए ही उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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बिनोबा भावे (1983): एक स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी रहे और समाज सुधारक रहे स्व. श्री भावे जी को 1963 में भारत रत्न मिला। उन्हें खासतौर से भूदान आंदोलन के लिए जाना जाता है। वैसे आपको बता दें कि वे गांधी के सच्चे अनुयायी और सर्वोदयी नेता थे।
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खान अब्दुल गफ्फार खान (1987):  पहले पाकिस्तानी नागरिक, जो भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़े। इन्हें ज्यादातर लोग सीमान्त गांधी या फिर बादशाह खान के नाम से भी जानते हैं।अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसावादी रणनीति के लिए उन्हें जाना था था। उनका सपना एक संयुक्त, स्वतंत्र और धर्मनिरपेक्ष भारत देखना था।
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एम. जी राम चंद्रन (1988): फिल्म अभिनेता और तमिलनाडू के मुख्यमंत्री रह चुके स्व. रामचंद्रन 21वें भारत रत्न बनें। वे सिनेमा जगत के पहले अभिनेता थे, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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भीमराव आंबेडकर (1990): दलित आइकॉन और भारतीय संविधान के रचियता, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक रहे स्व. आंबेडकरजी 22वें भारत रत्न हुए।गौरतलब है कि देश के नव निर्माण में उनकी उत्कृष्ट भूमिका रही है।
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नेल्सन मंडेला (1990): दूसरे गैर भारतीय हस्ती, जिन्हें यह सम्मान मिला, उनका नाम रंगभेद विरोधी अभियान के लिए जाना जाता है। गौरतलब है कि पिछले साल दुनिया को अलविदा कह गए मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।
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राजीव गांधी (1991):  भारत के छठवें प्रधानमत्री स्व. श्री राजीव गांधी को मृत्यु के बाद यह सम्मान मिला था।उन्हें यह सम्मान राजनेतिक क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया था। गौरतलब है कि भारत में संचार क्रान्ति लाने का श्रेय स्व. गांधी को ही जाता है।
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सरदार वल्लभ भाई पटेल (1991): भारत के पहले गृहमंत्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री पटेल को मृत्यु उपरान्त भारत रत्न मिला था। गौरतलब है कि सरदार पटेल स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस' के प्रमुख नेताओं में से एक थे।
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मोरारजी देसाई (1991): चौथे प्रधानमत्री और स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री देसाईजी भी उसी सूची में शामिल हैं जिन्हें मृत्यु के बाद भारत रत्न मिला था। गौरतलब है कि स्व. देसाई एक मात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें भारत की ओर से भारत रत्न और पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया है।
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अब्दुल कलाम आजाद (1992):  भारत के पहले शिक्षा मंत्री रहे और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्व. अब्दुल कलाम को मृत्यु के बाद भारत रत्न मिला था। गौरतलब है कि वे इस सम्मान को लेने से कई बार इनकार कर चुके थे। दरअसल, इसके पीछे एक मात्र कारण उनका खुद का चयन समिति में होना था।
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जे.आर. डी.टाटा (1992):  भारत के एक उद्योगपति और समाजसेवी। इन्हें भारत के नागरिक उड्डयन का पिता भी कहा जाता है। उद्योग जगत में उनके दिए गए अमूल्य योगदान के लिए उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। गौरतलब है कि भारत की राष्ट्रीय विमान सेवा 'एयर इंडिया' की शुरुआत उन्होंने ही टाटा एयरलाइन्स के नाम से की थी
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सत्यजीत रे (1992):  सत्यजीत रे, एक भारतीय फ़िल्मकार रहे हैं।  भारत रत्न प्राप्त करने वाले वे 29वें शख्स बने।फिल्म इंडस्ट्रीज में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया था। गौरतलब है कि 1992 में उनकी उपलब्धियों के लिए वे ऑस्कर से भी सम्मानित हो चुके हैं
सचिन भारत रत्न, एक पाकिस्तानी सहित अब तक इन्हें मिल चुका यह सम्मान
ए.पी.जे.अब्दुल कलाम (1997): भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति और एक वैज्ञानिक कलाम साहब को 30वां भारत रत्न प्राप्त हुआ।
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गुलजारीलाल नंदा (1997):  वे भारत की आजादी के लिए अभियानों में सक्रिय रहे।  इतना ही नहीं, वे भारत के अंतरिम प्रधानमंत्री भी रहे हैं। 
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अरुणा आसिफ अली (1997): भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्व. अलीजी को मृत्यु उपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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एम.एस.शुभलक्ष्मी (1998): वे शास्त्रीय संगीत की ज्ञाता थीं।  उन्हें 33वें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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चिदंबरम शुभ्रामनियम (1998): भारत सरकार में कृषि मंत्री रहे और स्वतन्त्रता संग्राम में खास भूमिका निभाई थी।
सचिन भारत रत्न, एक पाकिस्तानी सहित अब तक इन्हें मिल चुका यह सम्मान
जयप्रकाश नारायण (1999): भारतीय राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे स्व. जयप्रकाशजी को मृत्यु उपरांत यह सम्मान मिला था।
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रविशंकर (1999): सितार वादक रहे श्री रविशंकर जी को 36वां भारत रत्न सम्मान मिला था।
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अमर्त्य सेन (1999): भारतीय अर्थशास्त्री, इन्हें 37वां भारत रत्न मिला था।
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गोपीनाथ बोरदोलोई (1999): स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी और असम के मुख्यमंत्री रहे स्व. गोपीनाथजी को 38वां भारत रत्न मिला। 
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लता मंगेशकर (2001): स्वर कोकिला लता मंगेशकर को 39वां भारत रत्न दिया गया।
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बिस्मिल्लाह खान (2001): शहनाई वादन के क्षेत्र में अमूल्य योगदान के लिए भारत रत्न मिला।
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भीमसेन जोशी (2008): शास्त्रीय संगीत में अमूल्य योगदान के लिए 41वें भारत रत्न चुने गए।
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सी.एन.आर.राव (2014):  वे एक वैज्ञानिक हैं और उन्हें 42वें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।
सचिन भारत रत्न, एक पाकिस्तानी सहित अब तक इन्हें मिल चुका यह सम्मान
सचिन तेंडुलकर (2014): पहले स्पोर्ट्स पर्सन, जिन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया।  वे 43वें भारत रत्न चुने गए हैं। 

Thursday, June 13, 2013

UPTET 2013 Admit Card

UPTET 2013 Admit Card| UPTET Admit Card 2013 | UPTET 2013 Roll No | Download Online Admit Card 

 

UPTET 2013 online download process of Admit Cards will be commenced from ---------------. The UPTET 2013 will be held on 27 & 28 June 2013 (First shift: 10.00 am to 12.30 noon, Second shift: 2.30 pm to 5.00 pm)Every eligible candidate may download his/her admit  from the website (http://upbasiceduboard.gov.in)  and appear in the examination at the allotted examination centre. After taking print out of “Roll No./Admit Card”, go through the particulars etc. and if any discrepancy in the particulars of the candidate or his/her photograph and signatures is noticed, the candidate should immediately contact the Special Examination Branch of the Board and get the same corrected.


  • The exact place and name of the centre for the test shall be mentioned on the admit card.
  • No candidate will be permitted to appear from the centre other than the one allotted to him/her. No request for change of centre will be entertained under any circumstances. If any candidate unlawfully appears from a centre other than the one allotted, his/her candidature will be rejected out rightly and result will be quashed without entering into any correspondence with him/her in this regard whatsoever.
  • No candidate will be admitted to the Examination centre unless he/she produces valid Admit Card having his/her photograph printed on it. In case a candidate does not download his/her Roll No. and does not appear in person at the Council's Office up to one day before the date of examination, his/her request for issue of Roll No. will not be considered and he/she will not be permitted to appear in the examination without valid admit card.

ROHILKHAND UNIVERSITY MAIN EXAM RESULT 2013

Here You can get the result of MJPRU of the year 2013. It will help you all the students to see the result as soon as possible. I know that you all are Curious to see the Result of this year 

B Com Part 3rd Main Exam Result Please Click Here 

 

B Com Part 2nd Main Exam Result Please Click Here